श्री जाहरवीर गोगाजी की आरती
जय-जय जाहरवीर हरे, जय-जय गोगावीर हरे,
धरती पर आकर के भक्तों के कष्ट हरे जय जय ...
जो कोई भक्ति करे प्रेम से, निसादिन करे प्रेम से, भागे दुःख परे,
विघ्न हरन मंगल के दाता, जन-जन का कष्ट हरे,
जेवर राव के पुत्र कहाए, रानी बाछल माता,
बागड़ में जन्म लिया गुगा ने, सब जय-जयकार करे, जय-जय ...
धर्म कि बेल बढाई निशदिन, तपस्या रोज करे
दुष्ट जनों को दण्ड दिया, जग में रहे आप खरे, जय-जय ...
सत्य अहिंसा का व्रत धारा, झुठ से सदा डरे
वचन भंग को बुरा समझ कर, घर से आप निकरे, जय-जय ...
माडी में करी तपस्या अचरज सभी करे
चारों दिशाओं से भगत आ रहे, जोड़े हाथ खड़े, जय-जय ...
अजर अमर है नाम तुम्हारा, हे प्रसिद्ध जगत उजियारा
भुत पिशाच निकट नहीं आवे, जो कोई जाहर नाम गावे, जय जय ...
सच्चे मन से जो ध्यान लगावे, सुख सम्पति घर आवे,
नाम तुम्हारा जो कोई गावे, जन्म जन्म के दुःख बिसरावे, जय-जय ...
भादो कृषण नोमी के दिन जो पुजे ,वह विघ्नों से नहीं डरे,
जय-जय जाहर वीर हरे, जय श्री गोगा वीर हरे ...!